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बॉलीवुड मे पहली बार “लीरा द सोल मेट” 99%  vfx के साथ 

बॉलीवुड मे पहली बार “लीरा द सोल मेट” 99%  vfx के साथ 

एक्शन,ड्रामा ,सॉफ़्ट एंड ब्यूटिफुल लव स्टोरी के साथ फुल एंटरटेनमेंट एक ऐसी लव स्टोरी जो पहले कभी ना देखी गई हो ना सुनी हो एक अलग दुनिया की एक अलग सी कहानी है.इस फ़िल्म की कहानी काफी अलग है,पर क्या सही मे स्क्रिप्ट एक नये रंग मे वालीवुड को रंग पायेगी ?.2012 से इस फ़िल्म की स्क्रिप्ट पर काम किया जा रहा था आखिर 2017 मे फ़िल्म रीलीजिंग के लिये तैयार है। 27 जनवरी को आल ओवर वर्ल्ड  ट्रैलर लांच हो रहा है इस फ़िल्म को देख कर हम कह सकते है की बोलीवुड भी हॉलीवुड से कम नही है इस फ़िल्म के जितने भी सीन है वो बहूत अलग तरीके से दिखाया गया है काफी टेक्निकल तरीकों से है जो आपने पहले कभी नही देखा होगा इस फ़िल्म के डायरेक्टर सुम्नाश श्री कालजयी जी हैं इस फ़िल्म मे हर चीज़ कुछ अलग और हटके है अड़वेनचर और एकशन  भी काफी नये तरीके से दर्शाये गये है और इस फ़िल्म को बनाने मे बहुत ही मेहनत लगी है और हर चीज़ अलग दिखाई गई है जिसे देख कर दर्शको का प्यार तो बनता है “लीरा द सोलमेट” दर्शको को अपने रंग मे कितना घोल पायेगी  ये तो फ़िल्म रिलीस के बाद ही पता चल पायेगा फ़िल्म के गाने भी बहुत प्यारे है गानों मे कुछ नया रंग नज़र आयेगा और इसमे जावेद अली ,रितु पाठक और इस फ़िल्म की लीड अक्ट्रेस्स लीरा कालजयी के आवज़ मे भी इस फ़िल्म के कई गाने है जो जल्द ही रिलीस होने वाली है यहाँ पता चला है की इस फ़िल्म के डायरेक्टर काफी आडीशन के बाद 9000 लडको मे से मेहूल आडवानी मे दिखी शूम्नश श्री का कहना है मेहूल आडवानी काफी अच्छा एक्टर साबित हुआ है।

 

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“आजिवासन कराओके क्लब” का आयोजन

“आजिवासन कराओके क्लब” का आयोजन

आजिवासन संगीत अकादमी ने हाल ही में पहला “आजिवासन कराओके क्लब” का आयोजन किया जब विभिन्न शाखाओं के छात्र एक साथ आये और इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।​ यह संगीतमय एक ऐसा दिन रहा जब हर आयु के छात्र ने कराओके पर अपना मन पसंद गाना गया। कराओके सत्र पूर्व, संगीत की गतिविधियों में संलग्न किया गया था।​

​आजिवासन​ को इससे पहले वसंत संगीत विद्यालय के नाम से जाना जाता था, जिसे आचार्य जियालाल वसंत ने श्रीमती रामेश्वरी नेहरू के संरक्षण में 1932 में श्रीनगर में स्थापित किया था। उस समय मात्र 25 छात्रों के साथ गुरूजी ने संगीत साधना की संगीतमय यात्रा को आरंभ किया था। यह संस्थान हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में वैज्ञानिक प्रशिक्षण देता था और छात्रों को अपने गुरू के साथ कई मौकों पर परफाॅर्म करने का अवसर मिलता था।

 

उनके बाद उनकी पुत्री प्रेम वसंत ने अपने गुरू सुरेश वाडकर के साथ गुरूजी के सपने को गुरूकुल के नाम से फिर से स्थापित करने की सोची, जहां संगीत के अभ्यर्थी संगीत प्रशिक्षण के साथ-साथ अभ्यास का लाभ भी उठा सकें। इस प्रकार सुरेश वाडकर के ​आजिवासन​ म्यूजिक अकादमी का जन्म हुआ। इसमें ​आजिवासन​ शब्द आचार्य जियालाल वसंत संगीत निकेतन से निकला है, जो गुरूजी की याद दिलाता है।

​इस साल आजिवासन संगीत प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के 84 साल पूरा करता है और 2017 आचार्य जियालाल वसंत की शताब्दी वर्ष के रूप में मना रहे हैं। जुहू में मुख्य अकादमी के अलावा इस सस्थान के मुंबई में 09, दुबई में 01 और हाल ही में अमेरिका में 01 शाखा खोली है। मुंबई की शाखाएं ठाणे, कांदिवली, प्रभादेवी, केंप्स काॅर्नर, पवई, बांद्रा , घाटकोपर, चेंबूर और सांताक्रूज़ में स्थित हैं।

आज यहां करीब 1500 छात्र-छात्राओं को हिन्दुस्तानी और पश्चिम शास्त्रीय गायकी, वाद्ययंत्रों के साथ-साथ लोकप्रिय शास्त्रीय नृत्यों जैसे कथक और भरतनाट्यम की शिक्षा वरिष्ठ एवं अनुभवी संगीत के पारखियों द्वारा दी जाती है। अन्य सभी संस्थानों से अलग खड़ा, आजिवासन हर इच्छुक प्रतिभा को समान अवसर देने में विश्वास करता है और इस प्रकार, हाल ही में विशेष छात्रों के लिए कक्षा शुरू कर दी गयी है।

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अरबाज खान की हिंदी फिल्म ‘रेड अफेयर’ के गीत को अरमान मलिक ने आवाज दी .

अरबाज खान की हिंदी फिल्म ‘रेड अफेयर’ के गीत को अरमान मलिक ने आवाज दी .

हाल ही में हिंदी फिल्म ‘’रेड अफेयर’ के लिए ‘बरफ सी तु पिघल जा…’ यह गाना जुहू स्थित ऑडियो गैरेज स्टूडियो में रिकॉर्ड किया गया। इस गाने को युवा पीढ़ी के गायक अरमान मलिक ने आवाज दी है और गीत को संगीत से सजाया है हैरी आनंद ने। फिल्म के लेखक, गीतकार और क्रिएटिव निर्देशक सुप्रसिद्ध उपन्यासकार अमित खान है।

संगीत निर्देशक ‘हैरी आनंद’ गीत की प्रशंसा करते हुए कहा – गाने के बोल में कामुक गीतो की परिभाषा बदलने की शक्ति है। बहुत ही सभ्य और कामुक शब्द इस गीत की ताकत हैं। यह एक सुंदर गीत है और अरमान मलिक ने खूबसूरती के साथ इस गीत गाया है।

निर्माता-निर्देशक प्रदीप रंगवानी ने कहा कि जैसे ही अमित खान ने इस गीत की तर्ज सुनाई और मैं इतना प्रभावित हो गया कि तुरंत ही यह गाना फिल्म का अहम हिस्सा बन गया। म्यूजिक डायरेक्टर हैरी आनंद ने बहुत ही सुंदर और मधूर धून बनाई है। साथ ही इस गाने को अरमान मलिक की आवाज में स्वरबद्ध करने से इस गीत की ऊंचाई और ही ऊपर पहुंच गई है। इसमें कोई शक नहीं है कि अरमान की जादूई आवाज के स्पर्श से यह गीत यादगार बन गया है।

फिल्म ‘रेड अफेयर’ के एसोसिएट प्रोड्यूसर सम्राट भंभवानी ने गीत की प्रशंसा करते हुए कहा – गाने के बोल असाधारण है तो इसकी धून अप्रतिम है।अरमान मलिक की मदमोहक आवाज ने एक कारनामा किया है।अरमान मलिक खुद इस गीत से प्रभावित हो गए है और रिकॉर्डिंग करते हुए उनको यकीन था कि यह गीत हर दिल को छू सकता है।

यूवी फिल्म्स के बैनर तले फिल्म ‘रेड अफेयर’ का निर्माण हो रहा है। फिल्म के निर्माता-निर्देशक प्रदीप रंगवानी है और कलाकारों में अरबाज़ खान,मंजरी फडनिस, अश्मित पटेल, मेहेक चहल और मुकुल देव हैं। फिल्म अमित खान के उपन्यास पर आधारित है और यह उपन्यास हिंदी और इंग्लिश भाषा में फिल्म रिलीज होने के पहले रिलीज़ किया जाएगा।

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सबसे पहले भारतीय डिजाइनर ब्रांड लिबास रियाज-रेशमा गांगजी की मुंबई में बीकेसी स्थित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पहली घंटी बजी .

सबसे पहले भारतीय डिजाइनर ब्रांड लिबास रियाज-रेशमा गांगजी की मुंबई में बीकेसी स्थित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पहली घंटी बजी .

अब लिबास के रियाज गांगजी सार्वजनिक हो गए है। इसका क्या मतलब है ?  इसका मतलब है कि लिबास भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध पाने वाले पहले भारतीय डिजाइनर लेबल बन गया है। आरंभिक पब्लिक ऑफर ६८ रुपए है,पिछले आधे दशक से लिबास ने कई भारतीय डिजाइन घरों और लेबल किया है।

जब इस बारे में रियाज से पूछा गया, तो उन्होंने इसके पीछे का कारण बताया।यदी आप लोगों को विश्वास हासिल करते है, तो कंपनी सही रूप से विकसित होती है। एक बार आपका ब्रांड टॉप पर पहुंच जाता है, तो ब्रिकी अपने आप बढ़ जाती है। बेशक, इसका मतलब यह नहीं है कि अपने उत्पाद या सेवा में कोई कसर या कमी हो। वास्तव में, अब हम सार्वजनिक रुप से सूचीबद्ध है, यहां के लोगों का ब्रांड है कि दिशा में एक बड़ी भी जिम्मेदारी है। “नए साल का चेहरा दिखाने से पहले, यह खबर सामने आने से आपका स्वागत करता हूं, खासकर जब नोटबंदी और देश में मौजूदा मुद्रा की कमी कई व्यवासायों के लिए एक भावना हतोत्साहित किया गया है, इसमें फैशन भी शामिल है।

उत्साहित होकर रियाज कहते है, मुझे लगता है कि अपने विशेष योग्यता के साथ व्यापार करने के लिए सक्षम होने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लोग एक बार शो खत्म होने के बाद आंकडों पर ध्यान देती है। ”

आईपीओ का शुभारंभ एक कठिन और लंबी प्रक्रिया है और 2 साल तक का उपभोग कर सकते हैं! अनुपालन और जिम्मेदारियों प्रमोटरों के कंधों छोड़ दीजिए। जब हमने रियाज गांगजी पूछा कि इस कार्य को हाथ में लेने के लिए किसने
प्रेरित किया ?  उन्होंने जवाब दिया, “बस मैं रचनात्मक हूं और मुझे संतुष्टि नहीं दे रहा था, मैं एक ऐसे स्थान पर पहुंचा हूं कि जहां देश के हर शहर में लिबास का नाम पहुंच जाए। हम एक एफएमसीजी ब्रांड की तरह कई लोगों के जीवन को छूना चाहते हैं। और ऐसा सार्वजनिक निर्गम के माध्यम से ही संभव था। ”

उनकी अर्धांगिनी और सबकुछ साथ-साथ है, खुशी की कोई सीमा नहीं है। “हम पहले से ही पुणे, मुंबई लुधियाना, दिल्ली और दुबई में हैं। हम भारत के हर टियर 1 और टियर 2 शहर में उपलब्ध होना चाहते हैं। यही कारण है कि अब यह
अंतिम योजना है “, रेश्मा गांगजी ने  कहा।

सारथी के दीपक शर्मा, एनएसईके रवि वाराणसी, राहुल रॉय, ने रेश्मा रियाज गांगजी और निशांत महीमतुरा को हार्दीक बधाई और शुभकामनाएं दी।

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350वें प्रकाशोत्सव पर दिखी पीआरओ रंजन सिन्‍हा की कार्यकुशलता

350वें प्रकाशोत्सव पर दिखी पीआरओ रंजन सिन्‍हा की कार्यकुशलता

पटना। सिख धर्म के दसवें तीर्थंकर श्री गुरू गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव समारोह में बिहार सरकार के कला संस्‍कृति विभाग की दूरदर्शिता तथा प्रबंधन स्पष्ट रूप से पूरी दुनिया को देखने को मिली। कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा राजधानी पटना में आयोजित तमाम सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों को मीडिया के जरिए लोगों के बीच ले जाने में रंजन सिन्‍हा का अहम योगदान रहा। पीआरओ रंजन सिन्‍हा ने कार्यक्रम संबंधी जानकारी और कार्यक्रम प्रबंधन के प्रचार-प्रसार के लिय एकमात्र चेहरे थे, जो परदे के पीछे से लगातार काम करते रहे और पूरे देश-दुनिया से पटना के इस उत्सव को अखबार, टीवी और इंटरनेट से जोड कर रखा।

भोजपुरी फिल्मों से बतौर पीआरओ (जनसम्पर्क अधिकारी) अपनी करियर की शुरूआत करने वाले रंजन सिन्‍हा को जब प्रदेश के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने जनसम्पर्क तथा प्रचार प्रसार का काम जिस विश्वास से सौंपा वो पूरा होता तब दिखा, जब गुरू गोविंद सिंह का पटना में हो रहे प्रकाशोत्सव का ग्लोबल रेस्‍पांस उभर कर समाने आया। इंटरनेट वेबसाइट और सोशल मीडिया में 350वें प्रकोशात्‍सव को जिस कार्यकुशलता से प्रजेंट किया गया, उसमें रंजन सिन्‍हा और उनकी टीम की प्रतिबद्धता साफ दिखी। प्रकाशोत्सव से जुड़ी हर घटनाक्रम, फोटो और वीडियो को उनकी टीम ने शानदार तरीके से प्रस्‍तुत किया।

बता दें कि रंजन सिन्‍हा मूलत: वैशाली जिला के बिरना लखन सेन के रहने वाले हैं। आज बिहार में उनके बिना पीआर और मीडिया कवरेज बड़े स्‍तर पर संभव नहीं हो पाता है। कोई भी फिल्म स्टार अगर बिहार आता है तो अपनी लोकप्रियता को भुनाने के लिय सबसे पहले रंजन सिन्‍हा से ही सम्पर्क करता है। 500 से अधिक भोजपुरी फिल्मो का पीआर का काम का अनुभव इनके बृहद कैरियर को दर्शाता है। आज रंजन सिन्‍हा किसी परिचय का मोहताज नही है। आज रंजन सिन्‍हा युवा बिहार का एक उज्जवल चेहरा है।

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दिल है हिंदुस्तानी के लिये सुखविंदर ने पहली बार गाया भोजपुरी 

दिल है हिंदुस्तानी के लिये सुखविंदर ने पहली बार गाया भोजपुरी 

प्रख्यात गायक सुखविंदर ने पहली बार किसी भोजपुरी फिल्म के लिए गाना गाया है । पिछले दिनों कंठा इंटरटेनमेंट्स और अनारा फिल्म्स के बैनर तले निर्माता करण सिंह प्रिंस और निर्देशक पराग पाटिल की फिल्म दिल है हिंदुस्तानी का पहला गाना सुखविंदर सिंह की आवाज में रिकॉर्ड किया गया । इस गाने को संगीतबद्ध किया था  विशाल मिश्रा ने जबकि गीतकार हैं प्रणव वत्स । दिल है हिंदुस्तानी में भोजपुरी की सुपर स्टार अदाकारा अनारा गुप्ता के अपोजिट नवोदित अभिनेता करण सिंह प्रिंस होंगे जो रियल लाइफ में उनके बॉय फ्रेंड हैं ।  करण सिंह प्रिंस अभिनय के मैदान में भले ही वे अब उतर रहे हैं पर ग्लैमर वर्ल्ड से उनका पुराना नाता रहा है ।

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उन्होंने कई इवेंट करवाया है इसके अलावा टी वी कलाकारों की क्रिकेट लीग बॉक्स क्रिकेट लीग में वे राउडी बंगलौर टीम के ओनर भी रह चुके हैं ।  करण सिंह प्रिंस के कई बड़े कलाकारों से नज़दीकी रिश्ते हैं । उन्होंने बताया की अभिनय और नृत्य में ट्रेनिंग के बाद ही उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखा है । दिल है हिन्दुस्तानी के बारे में उन्होंने बताया की यह एक प्रेम कहानी पर आधारित फ़िल्म है जिसमे मनोरंजन के सारे रंग मौजूद होंगे ।

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