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Bollywood Actress Alisa Khan Speaks About Astroyogi

Bollywood Actress Alisa Khan Speaks About Astroyogi

बॉलीवुड एक्ट्रेस अलिसा खान फ़िल्मो में अभिनय के साथ साथ एस्ट्रोलॉजी का भी काम करती है।हाल ही में वह एक ऑनलाईन एस्ट्रोलॉजी पोर्टल एस्ट्रोयोगी से जुड़ी । ऑनलाइन एस्ट्रोलॉजी पोर्टल एस्ट्रोयोगी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस अलिसा खान के साथ किया गलत   ।

कुछ दिन उन्होंने इस पोर्टल के लिए काम किया बाद में इस पोर्टल ने बिना किसी सूचना के उन्हें जॉब से निकाल दिया।अलिसा खान ने बताया कि एस्ट्रोयोगी की सब्सक्रिप्शन एक साल के लिए 24000 में खरीदी थी । जो अगस्त में एक्सपायर होगा ,लेकिन उन्होंने बिना मेरी अनुमति के मेरा प्रोफाइल ऑफ कर दिया।इस तरह से एस्ट्रोयोगी ने मेरे साथ गलत किया है।

बतादें कि गाज़ियाबाद के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली  अलिसा खान ने बॉलीवुड में बतौर अभिनेत्री हिंदी फ़िल्म ” माय हसबैंड वाइफ” से डेब्यू किया था । वह इमरान हाशमी के साथ  फ़िल्म ” आईना” में भी काम कर चुकी हैं जो जल्द ही रिलीज होगी ।

अलिसा ने बताया कि उनके परिवार वाले नही चाहते थे कि वह बॉलीवुड में कदम रखे , लेकिन एक्टिंग के प्रति उनके जनून ने उन्हें यहां तक खींच के लाया । अलिसा जिस शाही परिवार से ताल्लुक रखती है ऐसे परिवार से लड़कियों का फिल्मो में आना ठीक नही माना जाता है ,लेकिन वह अपने परिवार से जंग लड़कर मुम्बई आयी और अपने बलबूते पर आज अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई है।

     

बतादें कि अलिसा खान गाजियाबाद शहर  के संस्थापक  गाज़ीउद्दीन की परपोती है। बॉलीवुड में बतौर अभिनेत्री के साथ साथ एस्ट्रोलॉजर के रूप में भी काफी फेमस है।

वह  साउथ की भी कई फिल्मों के अलावा 12 म्यूजिक वीडियो में भी काम कर चुकी हैं ।

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Jai Yadav and Amrapali Dubey will again rock together will shoot again in UP

Jai Yadav and Amrapali Dubey will again rock together will shoot again in UP

जय यादव और आम्रपाली दूबे फिर एक साथ मचायेंगे धमाल , यूपी में करेंगे फिर शूटिंग

भोजपुरी सिनेमा के व्यस्त ऎक्टर जय यादव और आम्रपाली दूबे की ग्लैमरस जोड़ी एक बार फिर से एक नई फ़िल्म में एक साथ काम करने जा रही है। जी हाँ, ये दोनों सितारे फ़िल्म “मेरे रंग में रंगने वाली” में एक साथ काम कर चुके हैं जो जल्द ही रिलीज होने वाली है। जय यादव और आम्रपाली दूबे की सेकंड फ़िल्म का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है। इन दोनों स्टार्स को जिस फ़िल्म के लिए अनुबंधित किया गया है उसके निर्माता राजू शेख हैं। फ़िल्म के लेखक सभा वर्मा हैं।

फ़िल्म के निर्माता राजू से पता चला है कि जय यादव व आम्रपाली दूबे की इस रोमांटिक फिल्म की शूटिंग सितंबर के आखरी सप्ताह में उत्तर प्रदेश में शुरू होगी। इस फ़िल्म को साल के अंत तक रिलीज करने का प्लान है।

इस फ़िल्म के निर्माता राजू जी ने बताया कि फ़िल्म “मेरे रंग में रंगने वाली” में मुझे जय यादव और आम्रपाली दूबे की ऑन स्क्रीन जोड़ी व केमिस्ट्री बहुत अच्छी लगी तभी मैंने फैसला किया कि मैं इस जोड़ी के साथ ही काम करूंगा।

आपको बता दें कि एक्टर जय यादव की इस साल बैक टू बैक 6 बड़ी फिल्में रिलीज होने वाली हैं। जिनमें उनके अपोजिट भोजपुरी सिनेमा की सभी टॉप ऎक्ट्रेस हैं। जैसे जय यादव काजल राघवानी के साथ दो फिल्मे “अमानत” और “गुंडों की आएगी बारात” लेकर आ रहे हैं। रानी चटर्जी के साथ “बाबुल की गलियां, निधि झा के साथ “साथ छुटे ना साथिया” और निहारिका पवार व रितिका शर्मा के साथ “दिल मिल गये” भी जय यादव की अपकमिंग मूवीज़ हैं।

आम्रपाली दूबे के संग “मेरे रंग में रंगने वाली” तो कम्प्लीट है ही, अब सितंबर में जय यादव इनके साथ दूसरी फिल्म करने जा रहे हैं।

जय यादव ने हाल ही में रानी चटर्जी के साथ फ़िल्म “बाबुल की गलियाँ” की शूटिंग पूरी की है।

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Shri Rajput Karni Sena Celebrated Emperor Prithviraj Chauhan Jayanti With Great Pomp

Shri Rajput Karni Sena Celebrated Emperor Prithviraj Chauhan Jayanti With Great Pomp

The birth anniversary of the heroic Emperor Prithviraj Chauhan was organized by Sri Rajput Karni Sena, Mumbai.  During this time, the national pride Prithviraj Chauhan was remembered and various competitions based on his bravery were organized.  Andheri West, D.N.Nagar  on Wednesday.

The program organized in Karni Sena Mumbai in the city was inaugurated by Karni Sena Mumbai President Dilip Rajput.  Aarti Nagpal, eminent artist and Mumbai women president of Karni Sena, Deepak Chavan, general secretary of Mumbai  was present.

The speakers recalled the heroes, great men, freedom fighters and called to follow their ideals and live with brotherhood in the society.

During the program, the emergence of Rajput dynasty, the seminar was organized on the title of importance of women in Rajput society.

Virraaj Rajput, Prem Chavan, Jai Chavan, Nihal Bhati Vinayak Hatatagale, Anitaji, Lalit Solanki etc. were present on this occasion.

….. Pics : Ramakant Munde Mumbai.

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Producer Rohandeep Singh will start 100 days in heaven tv show & Greed Web series shooting in Uttarakhand after Lockdown

Producer Rohandeep Singh will start 100 days in heaven tv show & Greed Web series shooting in Uttarakhand after Lockdown

रोहनदीप सिंह :- बिना दूरी तह किए कहीं दूर आप पोहोंच नही सकते!   

उत्तराखंड के शहर कोटद्वार से मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में रोहनदीप सिंह बिष्ट एक सफ़ल फ़िल्म और टीवी निर्माता के साथ ही फ़िल्म वितरक बनकर उभरे हैं। रोहनदीप ने हिंदीफ़िल्मों के साथ-साथ हॉलीवुड स्टूडियोज़ और मराठी फ़िल्मों में भी फ़िल्म मार्केटिंग और वितरण के नए मानदंड स्थापित किये हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे रोहनदीपसिंह को आज भी अपने शहर कोटद्वार से बहुत प्यार है। फ़िल्म इंडस्ट्री की व्यस्त दिनचर्या के बाद उन्हें अपने पैतृक शहर में ही सुकून मिलता है। मुंबई में फ़िल्मी हलचल केवयस्तम हिस्से अंधेरी पश्चिम के अपने आफ़िस में रोहनदीप सिंह अपने अब तक के सफ़र पर आत्मविश्वास के साथ बात करते हुए भावुक भी हो जाते हैं।

एक इंजीनियर मास्टर्स को बॉलीवुड में क्या करना था ?
मेरा मूल गाँव ताड़केश्वर महादेव के पास चौड़ (पौढ़ी गढ़वाल) है। मेरे दादा स्वर्गीय पान सिंह बिष्ट गाँव में अपने समय के सबसे ज़्यादा पढ़े लिखे और विद्वान व्यक्ति थे। मुझेअपने दादा से बहुत प्यार मिलता था। आज भी उनकी यादें मेरे साथ हैं। मेरे पिता युधवीर सिंह बिष्ट और माँ माहेश्वरी देवी मुझे हमेशा उच्च संस्कार और पारिवारिक मूल्यों कीशिक्षा देते रहे हैं। सिनेमा के लिए आकर्षण तो बचपन से मेरे अंदर था। हमारे कोटद्वार में गढ़वाल टाकीज़ और दीप टाकीज़ दो सिनेमाघर थे। पर्दे पर हीरो-हिरोइन देखने के लिएलोग कितनी दूर-दूर से आते हैं, मन में सोचता था कि जब यह फ़िल्में बनती होंगी तो कितना अच्छा लगता होगा। लोग बहुत खुश होते होंगे जो बॉलीवुड में काम करते हैं। परिवारमें शिक्षा की प्राथमिकता सबसे पहले थी मेरा छोटा भाई हिमांशु बिष्ट कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियर हैं और बड़ी बहन सुनीता रावत भी मास्टर इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन(एमबीए) किया है। मैंने भी पहले घर वालों की बात मानकर पढ़ाई पूरी करने का निर्णय लिया। कोटद्वार के महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई के बादटीसीजी स्कूल में इंटरमिडीएट की शिक्षा पूरी की। फिर इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए हरियाणा चला गया। जेसीडी कालेज सिरसा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की,इस बीच मैंने घर वालों से शुरू में ही कह दिया था कि मुझे फ़िल्म लाइन में कुछ करना है।

बॉलीवुड के सपनों की शुरुआत कैसे हुई?
लेखन के साथ ही मेरी फ़िल्म मार्केटिंग के अन्य पहलुओं जैसे वितरण, प्रमोशन में शुरू से रुचि थी लेकिन मैं पहले ख़ुद को स्थापित करना चाहता था। मेरे पिता मेरे बॉलीवुडकरियर को लेकर बहुत आशान्वित नहीं थे इसलिए वह मुझे इसके लिए बहुत प्रोत्साहित नहीं करते थे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं पुणे स्थित एंडुरेंसकम्पनी, (बजाज ऑटोमोबाइल समूह) में काम करने लगा। मशीनो में मेरी विशेष रुचि नहीं थी तो थोड़े ही समय में मैंने नौकरी को छोड़ दिया। इसके बाद मैं मुंबई में फ़िल्मवितरण के बिज़नेस से जुड़ गया। जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत, चुनौतियों और संघर्ष का दौर यहाँ से शुरू होता है। एक क्रिएटिव व्यक्ति को बाज़ार के घाटे-मुनाफ़े केगणित में भी कुछ नया करना था। इस बीच कई फ़िल्म वितरण और फ़िल्म बिज़नेस कम्पनियों से मिला।

मुश्किल लेकिन सबक़ सिखाने वाला समय –
यह एक ऐसा समय था जब मुझे थोड़े मीठे और बहुत कड़वे अनुभवों से गुज़रना पड़ा। कई फ़िल्में व्यवसायिक असफ़ल हुईं तो कई फ़िल्मों के व्यापार में पारम्परिक वितरण केनुक़सान ने बिज़नेस के नए सबक़ दिए।
मुश्किल के समय में इस शहर ने सबसे बड़ा सबक़ दिया कि यहाँ किसी के लिए किसी के पास टाईम नहीं है। कोई भी किसी के लिए बिना स्वार्थ कुछ भी नहीं करता है और अपनाफ़ायदा सबसे पहले तय किया जाता है। फ़िल्म इंडस्ट्री में विश्वास और परम्परा जैसे शब्द भी बहुत मायने नहीं रखते जिसका सिक्का चल रहा है, सब उसकी जय बोलते हैं। मुंबईऔर  बॉलीवुड में सिर्फ़ उगते सूरज को सलाम किया जाता है। उन दिनों ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा सबक़ था। निराशा भरे उन दिनों में, मैं एक बार फिर दिल्ली चला गया।

मुंबई बॉलीवुड के सपनों का अकेला ठिकाना –
फ़िल्म के सपनों को पूरा करने के लिए वापस मुंबई आना ही पड़ता है लेकिन मेरे लिए यह आसान नहीं था। कोटद्वार से मुंबई वाया दिल्ली की योजना काम में नहीं आयी। दिल्लीमें साल भर से अधिक समय तक कई फ़िल्मों के वितरण से जुड़ा रहा लेकिन ऐसा लगता था बहुत कुछ करने के लिए नहीं है। अब घर वालों को मुंबई के लिए फिर से तैयार किया।
फ़िल्म वितरण के अनुभव को इस बार मैंने बाज़ार के प्रोफ़ेशनल नियम के साथ जोड़ दिया। यहाँ प्रोफ़ेशनल का मतलब है कि आपको प्रोड्यूसर की फ़िल्म के मन की करनी हैऔर उससे ज़रूरी है सिनेमाहाल में फ़िल्म को रिलीज़ करना। यह जानते हुए कि फ़िल्म के बॉक्स आफ़िस पर चमकने के चांसेज़ कम हैं फिर भी प्रमोशन और वितरण के लिएभारी बजट खर्चा किया जाएगा। मुझे पहली सफलता इंडिपेंडेट डिस्ट्रीब्यूशन करके फ़िल्म ‘खाप’ से मिली, उसके बाद फ़िल्मों के सफल वितरण का सिलसिला चल पड़ा। अब मैंएक परफ़ेक्ट प्रक्टिकल आदमी बन गया था जिसे फ़िल्म वितरण में पैसा कैसे बनाया जाता है इसकी चाभी मिल गयी थी।
अपनी वितरण कंपनी ‘जम्पिंग टोमेटो प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा कई हॉलीवुड और बॉलीवुड फ़िल्मों जैसे, खाप, बम्बू, लिसेन अमाया, राजधानी एक्सप्रेस, शॉर्टकट रोमियो, व्हाट दफिश, टॉयलेट एक प्रेम कथा, डेथ विश, गॉडज़िला 2, नोटबुक, ट्रॉय, जुमांजी, फ़ाइनल एक्ज़िट का वितरण किया। मैं मराठी सिनेमा के कंटेंट से बहुत प्रभावित हुआ और अपनेबैनर तले वॉट्सअप लव, बेरीज वजाबाकी, डॉम, मिस यु मिस, पीटर और ओह माय घोस्ट जैसी फ़िल्मों का निर्माण और डिट्रिब्यूशन किया।

फ़िल्मों के मार्केटिंग और वितरण में कुछ ऐसी फ़िल्में भी आती थीं जिनका ट्रेलर देखकर ही फ़िल्म के कमज़ोर और असफल होने का अंदाज़ा हो जाता था, ऐसी फ़िल्मों से मुझेबहुत शिकायत रहती थी। लेकिन इन्हीं फ़िल्मों से अच्छी फ़िल्म बनाने की प्रेरणा मिली और प्रोडक्शन की शुरुआत हुई।

फ़िल्म प्रोडक्शन को कैसे देखते हैं आप?
सह निर्माता के तौर पर मैंने हिंदी फ़िल्म ‘शॉर्टकट रोमियों’ का निर्माण भी किया। प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और प्रेज़ेंटर के तौर पर मेरी फ़िल्म ‘थोड़ी थोड़ी-सी मनमानियां’ कोउत्तराखंड सरकार ने टैक्स फ़्री किया। बतौर सह-निर्माता मैंने लोकप्रिय टेलीविज़न शो ‘हिटलर दीदी’ का निर्माण भी किया। यह एक अच्छा अनुभव रहा। इस साल प्रोडक्शन औरडिस्ट्रिब्यूशन दोनों पर तेज़ी से काम चल रहा है। फ़िल्म और टीवी शोज़ के साथ ही वेब सीरिज़ के लिये हमारी टीम आज के दर्शकों को ध्यान में रखते हुए कंटेंट बना रही है। एकअच्छे कंटेंट को ही दर्शकों का प्यार मिलता है, फिर मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। दो बड़ी मराठी फ़िल्में ‘पीटर’ और ‘ओह माय घोस्ट’ की सफल रिलीज़ केबाद हम अब और उम्दा फ़िल्मों की घोषणा जल्द ही करने वाले हैं।

 

बतौर लेखक एक ऐसा पहलू जिसके बारे में कम बात करते हैं –
लोग रोहनदीप सिंह को उनके सिनेमा के व्यवसाय से जानते हैं, लेकिन मेरा एक भावनात्मक और स्थापित लेखक का रचनात्मक पक्ष भी है। 2015 में मेरे पहले उपन्यास ‘स्टिलवेटिंग फॉर यू’ को बहुत सराहा गया था। इन दिनों मैं ‘मजनू मस्ताना’ नामक अपने दूसरे उपन्यास को प्रकाशित करने की योजना पर कार्य कर रहा हूँ। संभवतः अगस्त 2021 मेंयह प्रकाशित होगी।

मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट 100 डेज़ इन हेवन –
आजकल रोहनदीप सिंह अपने नए टेलीविज़न शो ‘हण्ड्रेड डेज़ इन हेवन’ नए रियलिटी शो के साथ खबरों में हैं। यह एडवेंचरस शो उत्तराखंड के प्राकृतिक सुन्दर स्थानों परफ़िल्माया जाएगा। शो की मुंबई शेड्यूल की शूटिंग पहले ही पूरी हो चुकी है और अब बड़ा हिस्सा उत्तराखंड में शूट किया जायेगा।
अपने नए शो और आगामी योजनाओं में बारे में रोहनदीप सिंह बताते हैं कि उत्तराखंड में फ़िल्माया जाने वाला भव्य टीवी शो ‘100 ड़ेज इन हेवन’ में भारत के साथ ही विश्व केसबसे बड़े माउंटिनियर फ़ीचर होंगे। ‘100 डेज़ इन हेवन’ शो अवधेश भट्ट का सपना है। इस साल ओटीटी के लिए भी दो बड़ी वेब सीरिज़ का निर्माण किया जा रहा है। स्टोरी अप्रुवलके बाद अब वेब सीरिज़ के लिए कास्टिंग शुरू हो गयी है। हमने इसके लिए ज़ी नेटवर्क के साथ अनुबंध साइन किया है।
उत्तराखंड सरकार भी इस शो में जुड़ी है। इस शो का मूल आयडिया मेरे बिज़नेस पार्टनर और माउंटेनियर (पर्वतारोही) अवधेश भट्ट का है। हम सब इस शो को अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्डका बनाने वाले हैं। दुनिया के टेलिविज़न इतिहास में ‘100 डेज़ इन हेवेन’ अब तक का सबसे बड़ा माउंटेन एडवेंचर बेस्ड शो होगा।

बॉलीवुड में नए आने वालों युवाओं के लिए संदेश –
मायानगरी मुंबई और बॉलीवुड में सफलता रातों रात मिलती है  बस यही फ़ार्मूले की वजह से सबसे बड़ी भूल हो जाती है। रातों रात सफलता एक झूठ है। आपकी सफलता के लिएधर्य चाहिए। प्रतिभा को मेहनत और धैर्य की ज़रूरत होती है। आप छोटे या बड़े शहर से आए हैं। इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, सबसे ज़रूरी है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में आने के बादभी अपने पारिवारिक मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए। आपके माता-पिता की शिक्षा और आपके संस्कार, मुश्किल और संघर्ष के समय में आपकी सबसे बड़ी ताक़त होते हैं।

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Sandip Soparrkar on the cover of Multiverrs Magazine

Sandip Soparrkar on the cover of Multiverrs Magazine

Sandip Soparrkar has highly celebrated Bollywood Choreographer, who has Choreographed several Bollywood Actors.  Sandip Soparrkar is undoubtedly one of the most talented choreographers we have in Bollywood. Now as the world is going through the COVID-19 pandemics, everyone is staying indoor to keep the virus at bay. Sandip is making most his quarantine productive by taking online Dance Classes, reading books, working out, and indulging in other productive activities. Known for his brilliant Dance, acting skills, and dynamic personality, Sandip always manages to impress the audiences.

Talking about magazine covers, Sandip Soparrkar is the only dancer choreographer who is featured on the March 2021 issue cover of Multiverrs Magazine.  On the cover Soparrkar looks dapper in a black jacket designed by Deepak Shah of More Mischief and styled by Jashank Bhandari and Pooja Shah Bhandari. Photo was clicked by Sharad Subramanian for Rolex.

Sandip Soparrkar said, “I feel thrilled and honoured to be the first dancer to get featured on the cover of Multiverrs Magazine, this is one magazine that spreads positivity and I am humbled to be on it’s cover.”

Mr. Rafique Pirani, Publisher and Editor of the Multiverrs Magazine said, “ I wanted to feature a dancer choreographer with lots of Positive Vibes and who better than Sandip ji. Hence my team and me decided to do an entire feature on him.”

Multiverrs is an E Magazine, It is available free on all social media platforms. The purpose of the magazine is to bring spotlight to fabulous souls whose journey can inspire people in a very positive way.

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